बस धर्म के नाम पर बट ते रहे, और हिंदुस्तानी खुद को

बस धर्म के नाम पर बट ते रहे,
और हिंदुस्तानी खुद को कहते रहे।
(Read in Caption) लोग सब भूल जाएँगे।
जो कुछ हुआ,
वो सब भूल जाएंगे,
अपनी दुनिया मे सब मशरूफ हो जाएंगे,
जो चीख पुकारते है आजकल,
एक दिन खामोशी की नींद सो जाएंगे,
ओर फिर लोग सब भूल जाएंगे।
बस धर्म के नाम पर बट ते रहे,
और हिंदुस्तानी खुद को कहते रहे।
(Read in Caption) लोग सब भूल जाएँगे।
जो कुछ हुआ,
वो सब भूल जाएंगे,
अपनी दुनिया मे सब मशरूफ हो जाएंगे,
जो चीख पुकारते है आजकल,
एक दिन खामोशी की नींद सो जाएंगे,
ओर फिर लोग सब भूल जाएंगे।