Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब तुम चुनरी लहराती हो, सावन घिर के आता है जब तुम

जब तुम चुनरी लहराती हो,
सावन घिर के आता है
जब तुम बालो को झटकाती हो
बरसात बरसती है
जब तुम मुस्कराती हो,
तब इन्द्गधनुस सा मौसम हो जाता है,
तुम्हारी मधुर आवाज से
पन्छी आवाज देते है...

ये तब है जब सादि नही होती..!
सादि होने के बाद....To BE contineu

©Shreehari Adhikari369
  #चुनरी लहराती हो
shreehariadhikar2146

HARSHIT369

New Creator

#चुनरी लहराती हो #कविता

286 Views