किसी और से प्यार हो भी तो कैसे, पर तुमसे प्यार का इज़हार हो भी तो कैसे, जीत हर बार मेरी हो हाँ नही मुमकिन ये, पर इश्क़ मे ये हार हो भी तो कैसे, सोचती हूँ कभी कभी कि दूर हो जाऊ, पर इतने प्यारे रिश्ते मे तकरार हो भी तो कैसे, हँसी मज़ाक सब बातें कहते है पर यार असल इज़हार हो भी तो कैसे। -खुशबू गैरोला #attitudious #love