आस की किरणों में तैरता हुआ, हर दिन निकलता है, मंजिल की ओर, स्वप्न नए बुनता है, जीने की उम्मीद बंधाता हैं, पंछियों के शोर से, कोयल की कूक से, तितलियों के रंगों से, पंछियों के पंखों से, हलऔर कुदाली से, गांव की सुंदर सुकुमारियों से, उत्साह से भरा , हर दिन निकलता है। #rzमहफ़िल #rzमहफ़िल2 #restzone #yqrestzone #rzजज़्बाती_दिल दिन नया निकलता है, स्वप्न नए नित बुनता है।