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भुखमरी,बेरोज़गारी, मुफ़लिसी है! कैसी विकसित होने की

भुखमरी,बेरोज़गारी, मुफ़लिसी है!
कैसी विकसित होने की तैयारी है?

लूट,चोरी,डकैती,हत्या मक्कारी है!
बे-शर्म कोने कोने में बलात्कारी है।

ये कैसा शोर हर तऱफ मच रहा है?
मानवता का ह्रास कबसे जारी है।

एक बात हो तो ध्यान जाता उस पर!
जुमलों, बातों की ख़ूब भरमारी है।

सरकार तो बस आँकड़ों से चलती है!
सच्चाई तो फाइलों में दफ़्न सारी है। "पाठक" तू तो मीठा बोल काम चला!
दुनिया में अब दिखावे की खुद्दारी है।
😊🙏🍟💕🙏🙏😊🙏🙏
प्रणाम दोस्तो साथियो मैंने प्रयास किया है काम ठीक ठीक हो गया हो तो दाद दीजिए न भी हुआ हो तो मेरा मन रखने के लिए दीजिए। #पाठकपुराण आपका स्वागत करता है।#सुप्रभातम #yqdidi  #येरंगचाहतोंके साथ #गुलिस्ताँ #collab #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा के साथ #विज्ञान_का_ताण्डव ।💕😊सभी का स्वागत है।
चलते चलते दो बात......
:
नीतियां बुद्धिजीवी बनाते हैं, माटी से इनका जुड़ाव ही नहीं, संवेदना इनके पाठ्यक्रम में नहीं। वे आंकड़ों में जीते हैं, शरीर-प्रज्ञा से अविज्ञ होते हैं। भारत जैसे देश में लिव-इन-रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता क्या विवेकशीलता है। देश पनपता है अभ्युदय नि:श्रेयस के भाव से। भौतिकवाद में इन शब्दों का अभाव है।
😊
भुखमरी,बेरोज़गारी, मुफ़लिसी है!
कैसी विकसित होने की तैयारी है?

लूट,चोरी,डकैती,हत्या मक्कारी है!
बे-शर्म कोने कोने में बलात्कारी है।

ये कैसा शोर हर तऱफ मच रहा है?
मानवता का ह्रास कबसे जारी है।

एक बात हो तो ध्यान जाता उस पर!
जुमलों, बातों की ख़ूब भरमारी है।

सरकार तो बस आँकड़ों से चलती है!
सच्चाई तो फाइलों में दफ़्न सारी है। "पाठक" तू तो मीठा बोल काम चला!
दुनिया में अब दिखावे की खुद्दारी है।
😊🙏🍟💕🙏🙏😊🙏🙏
प्रणाम दोस्तो साथियो मैंने प्रयास किया है काम ठीक ठीक हो गया हो तो दाद दीजिए न भी हुआ हो तो मेरा मन रखने के लिए दीजिए। #पाठकपुराण आपका स्वागत करता है।#सुप्रभातम #yqdidi  #येरंगचाहतोंके साथ #गुलिस्ताँ #collab #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा के साथ #विज्ञान_का_ताण्डव ।💕😊सभी का स्वागत है।
चलते चलते दो बात......
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नीतियां बुद्धिजीवी बनाते हैं, माटी से इनका जुड़ाव ही नहीं, संवेदना इनके पाठ्यक्रम में नहीं। वे आंकड़ों में जीते हैं, शरीर-प्रज्ञा से अविज्ञ होते हैं। भारत जैसे देश में लिव-इन-रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता क्या विवेकशीलता है। देश पनपता है अभ्युदय नि:श्रेयस के भाव से। भौतिकवाद में इन शब्दों का अभाव है।
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