अहम की चादर ओढ़ कर बैठा था एक अनाड़ी खुद को समझकर सर्वगुण हो बैठा मिथ्याचरी अनजाने में एक दिन दिखा उसे एक प्रतिबिंब ओडे शरम का कम्बल बन बैठा वो सज्जन। #अहमकिचादर #humor #story #lifethoughts #sarcasm #mk_albums #yqhindi