मेरा दिल तो करता है, वक़्त-बेवक़्त तुझसे ही बातें, ज़ख़्मों की ख़ुदगर्ज़ी से ज़ुबाँ का ताला खुलता नहीं।। तेरी नाराज़गी का सबब भी जायज़ है अपनी जगह, इनके शोर-शराबे से ही वो पल आला मिलता नहीं।। दिल के गुलशन में, सिर्फ़ एक ही तो फूल खिलता है, तुझे मिले सुकूँ जिससे शायद वो वाला खिलता नहीं।। शुक्रगुज़ार हूँ मैं, किए हैं गुनाह भी जो नज़रंदाज़ तूने, मैं तो हूँ 'दर्द' ऐसा, जिसका कभी घाला टलता नहीं।। हाँ! हूँ मैं ख़ुदगर्ज़ बड़ी, संभालना भी आता नहीं मुझे, मैं दाग़ हूँ गाढ़ा ऐसा, जैसे कि रंग काला धुलता नहीं।। -संगीता पाटीदार घाला- Evil or Harm #cinemagraph #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #poetry #yqdidi #bestyqhindiquotes #life