कोई बड़ी चाहत नहीं की कभी तुमसे जिंदगी ... पर है एक सपना ...फलक के रौशनी की अनंत बूंदे बनकर जमीं के अंतिम कोर तक सुकून बिखेर आने की.... ! है एक सपना ...किसी ख़ामोशी की चीख सुनने की ... एक सपना है...ना जाने कितने घावों का मरहम बनने की ... हां है एक सपना...किसी अंधेरी रूह को आजाद करने की ... किसी फुर्सत में पुरानी तस्वीरों से मुस्कान चुरा ले आने की ... हां है एक सपना जिंदगी कभी तसल्ली से तुमसे मुखातिब होने की ....! है एक सपना जिंदगी... तुम्हारी दूर तक फैले रेगिस्तां की तपिश में सुकून से सो जाने की ... पर वक्त है अभी फुर्सत कहां है ... एक बार के सुकून खातिर मुझे कई बार जागना होगा ...! फलक की रौशनी बनने खातिर नंगे पैरों से इस पूरी जमीं को नापना होगा ...! मिलेंगे ज़रूर फुर्सत से कभी ...बस साथ चलते रहना रुक गई गर कहीं तो कहां रुक पाऊंगी ... जो टूट चुका है अंदर उसे समेट कहां पाऊंगी... पर वादा रहा तुमसे जिंदगी एक शाम मिलने आऊंगी और ज़रूर आऊंगी ...! तुम ख़ामोशी से सुनना बस मुझे ... मै हर ख़ामोशी सुनाऊंगी ... वादा रहा एक पल ज़रूर फुर्सत से आऊंगी और जरूर आऊंगी ...!!-Anjali Rai (शेरनी ..❤️) कोई बड़ी चाहत नहीं - पर एक शाम मिलने आऊंगी .....-✍️ #angel❤️ 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 कोई बड़ी चाहत नहीं की कभी तुमसे जिंदगी ... पर है एक सपना ...फलक के रौशनी की अनंत बूंदे बनकर जमीं के अंतिम कोर तक सुकून