Nojoto: Largest Storytelling Platform

है अन्धेरा कहीं तो कहीं उजाला होता है , है खुशी कह

है अन्धेरा कहीं
तो कहीं उजाला होता है ,
है खुशी कहीं
तो कहीं कोई रोता है !!
पूरब का अन्धेरा
पश्चिम में उजाला फैलाता है ,
पश्चिम में हो रात
तो पूरब में सबेरा कहलाता है !!
कहीं मातम
तो कहीं शहनाई बज रही होती ,
कहीं प्रेम की भाषा
तो कहीं दुश्मनी ठन रही होती !!
वक़्त के आगे
न कोई राजा रहा न कोई भिखारी ,
वक़्त बदलते ही
रन्क बने राजा , राजा बने भिखारी !!
यह जीवन चक्र
सदा चलता रहता है ,
वक़्त ठहरता नहीं
यह हमेशा बदलता रहता है !! वक़्त 
( "वक़्त" )

है अन्धेरा कहीं
तो कहीं उजाला होता है ,
है खुशी कहीं
तो कहीं कोई रोता है !!
पूरब का अन्धेरा
है अन्धेरा कहीं
तो कहीं उजाला होता है ,
है खुशी कहीं
तो कहीं कोई रोता है !!
पूरब का अन्धेरा
पश्चिम में उजाला फैलाता है ,
पश्चिम में हो रात
तो पूरब में सबेरा कहलाता है !!
कहीं मातम
तो कहीं शहनाई बज रही होती ,
कहीं प्रेम की भाषा
तो कहीं दुश्मनी ठन रही होती !!
वक़्त के आगे
न कोई राजा रहा न कोई भिखारी ,
वक़्त बदलते ही
रन्क बने राजा , राजा बने भिखारी !!
यह जीवन चक्र
सदा चलता रहता है ,
वक़्त ठहरता नहीं
यह हमेशा बदलता रहता है !! वक़्त 
( "वक़्त" )

है अन्धेरा कहीं
तो कहीं उजाला होता है ,
है खुशी कहीं
तो कहीं कोई रोता है !!
पूरब का अन्धेरा

वक़्त ( "वक़्त" ) है अन्धेरा कहीं तो कहीं उजाला होता है , है खुशी कहीं तो कहीं कोई रोता है !! पूरब का अन्धेरा