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*मेरी मां* *ज़िंदगी में जिसे मर्तबा चा

*मेरी मां*

*ज़िंदगी    में     जिसे   मर्तबा   चाहिए*
*हर  घड़ी  मां  की  लेनी  दुआ  चाहिए*

*पुरसुकु नींद हम को भी आ जाए  गी*
*मां की आंचल की  ठंडी हवा  चाहिए*

*खिदमतें मां की अपनी करो खूब तुम*
*खुल्द  में गर   तुम्हें  दाखला  चाहिए*

*मां के  कदमो  के  नीचे   है  जन्नत  मेरी*
*और किया मुझ को इस के सिवा चाहिए*

*मेरी   मां  की  दुआ  साथ   में है  मेरे*
*फिर भला और  इस्हाक क्या चाहिए*

*मोहम्मद इस्हाक*

©mohammad ishaque qadri #मेरी_मां

#RAMADAAN
*मेरी मां*

*ज़िंदगी    में     जिसे   मर्तबा   चाहिए*
*हर  घड़ी  मां  की  लेनी  दुआ  चाहिए*

*पुरसुकु नींद हम को भी आ जाए  गी*
*मां की आंचल की  ठंडी हवा  चाहिए*

*खिदमतें मां की अपनी करो खूब तुम*
*खुल्द  में गर   तुम्हें  दाखला  चाहिए*

*मां के  कदमो  के  नीचे   है  जन्नत  मेरी*
*और किया मुझ को इस के सिवा चाहिए*

*मेरी   मां  की  दुआ  साथ   में है  मेरे*
*फिर भला और  इस्हाक क्या चाहिए*

*मोहम्मद इस्हाक*

©mohammad ishaque qadri #मेरी_मां

#RAMADAAN