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बंद है पिंजरों में पंछी उनको छुड़ाने कौन आए ? जो

बंद है पिंजरों में पंछी उनको छुड़ाने कौन आए ?

जो बीत गई वो बात फिर से सुनाने कौन आए ?

वो जितनी बार रूठे उतनी बार मनाया मैंने ,

मैं अगर रूठ भी जाऊं तो मुझको मनाने कौन आए? #muktak #kavita #shayari
बंद है पिंजरों में पंछी उनको छुड़ाने कौन आए ?

जो बीत गई वो बात फिर से सुनाने कौन आए ?

वो जितनी बार रूठे उतनी बार मनाया मैंने ,

मैं अगर रूठ भी जाऊं तो मुझको मनाने कौन आए? #muktak #kavita #shayari