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हर घड़ी हर पहर तुझे हमनें चाहा है टूट कर अरमान तुम

हर घड़ी हर पहर तुझे हमनें चाहा है टूट कर
अरमान तुम तब भी थे अरमान तुम अब भी हो
अब भी अक्सर ठहर जाती है तुझ पर ही नजर
अनजान तुम तब भी थे अनजान तुम अब भी हो।

©Amar Deep Singh
  #loveforever #valantineweek