सांझ समझ कर उतर जाना तुम चिराग बन कर गालिब न समझना मूझे मेरे शायरों की किताब बन कर यहां कत्ल तो रोज़ होते है समझ मत लेना मुझे गुनहगार आमान बन कर बड़ी मुश्किलों ख़ुद को बचाया है मैने कालिख मत बनाना मुझे रोशनदान बन कर बड़ी मुश्किलों से निकलता है चांद यहां दोपहरी मत समझ लेना मुझे अमावस का फ़रमान बन कर यूं तो बहूत मंज़र है इस इमाम में ज़ख्म मत उकेरना खंजर की कमान बन कर इक खुदा की कायनात मै भी हूं मुर्दा मत समझ लेना इंसान बन कर एक फासला जहां और दिल का है पढ़ कर रख मत जाना कलाम बन कर उतरना हो तो उतरना बस चिराग़ बन कर उभरना हर आरजूओं में राग बन कर एहसान, राह तो सभी बन जाते है खुद्दारी करना भी तो खुद्दार बन कर। ©rashmi98 #nojotocreator #nojotopoetry #Englishpoetry #HindiPoem #nojotohindipoetry #nojotohindiurdu #SeptemberCreator