"ग़ालिब" तेरे शहर में तो अब नज़्में भी वुज़ू होने लगीं है, आख़िर "हिमांश" लिखत में लिखे भी तो क्या लिखे॥ क्योंकि हमारी पढ़त तो ऐसी हुई है, जैसे गीता के श्लोक रहें हो॥ ©Himanshu Tomar #लिखत #वुज़ू #गीता #श्लोक #पढ़त #और_मैं #AWritersStory