मुस्कुराना भी अब खुद का न रहा है, वो भी किसी और की अमानत हो गया है, इस जहां में अपना कोई ठिकाना न रहा है, वो भी किसी और के हाथ गिरवी हो गया है, अब लगता है, अपना समय न रहा है, ए- खुदा तेरा इशारा जो हो गया है, महफूज रखना इन अजीजों को, मेरा तो अब आखिरी सलाम हो गया है।। #मुस्कुराना#अमानत#समय#महफूज#इशारा#अजीज#yqbaba#yqdidi