काश! के शकुंतला तूने प्रेम न किया होता, दुष्यंत को अपना दिल न दिया होता, प्रेम में भूल जाने की कला सीखा है दुष्यंत से हर प्रेमी,,! भूल गया है के,, दुष्यंत को भी भूलकर प्रेमिका को पश्चाताप हुआ था,, कुछ समय बाद ही सही उसको अभिज्ञान हुआ था,, अच्छा तो ये भी था तभी भूल जाता वो फिर सर्वदमन (भरत) के नाम से ये भारत न बसा होता काश! के शकुंतला तूने प्रेम न किया होता🤔 ©डॉ. अरुणा कृष्णप्रेम Tondak RAVINANDAN Tiwari #Aruna #अरुणा