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हम सब हैं मजदूर कोई पढ़ा-लिखा तो कोई अनपढ़ सब

हम सब हैं मजदूर 
कोई पढ़ा-लिखा 
तो कोई अनपढ़ 

सब खट रहे हैं 
कोई शरीर की हड्डियों से 
कोई दिमाग की नसों से 

मजदूरी करके थक गए हैं हम 
फिर भी मना रहे हैं मजदूर दिवस 
बदल देना चाहिए इसका नाम 
और कर देना चाहिए..
मजबूर दिवस !

©गौरव गोरखपुरी #childlabour
हम सब हैं मजदूर 
कोई पढ़ा-लिखा 
तो कोई अनपढ़ 

सब खट रहे हैं 
कोई शरीर की हड्डियों से 
कोई दिमाग की नसों से 

मजदूरी करके थक गए हैं हम 
फिर भी मना रहे हैं मजदूर दिवस 
बदल देना चाहिए इसका नाम 
और कर देना चाहिए..
मजबूर दिवस !

©गौरव गोरखपुरी #childlabour