रिश्ता दिल से निभाया था, झूठा प्यार नहीं था l भरोसा उन पर किया था, वक़्त पर एतबार नहीं था ll भूल जाते सारे गिले, शिकवे और बादे l ये समझौता करने वाला, कोई व्यापार नहीं था ll निभाते भी कैसे वो, सारी रश्में और कसमें l इतना भी ज्यादा उनमें, कोई खुमार नहीं था ll हाथों को थाम रखते मेरे, मरते दम तक के लिए l वो सिर्फ़ मोहब्बत थी मेरी, बिजली का तार नहीं था ll #Anil_kr..✍@selfwritten wo sirf #mohabbat thi meri #bijli ka tar nahi tha// written by @anil_kr93