मुख्तलिफ है तेरे झरोको से। पत्ते बिछड़ गए एक ही झोखे से। सरसराहट उन पत्तो की सुन। जो बिखर गए खुद के दिलो से। आखिर उनकी आवाज को तू सुन। - इट्स ©Iti Bisht झरोका@w!ndw@ves