"देख के हमको वो सर झुकाते हैं , बुलाकर 'सर-ए-महफ़िल' में नज़रे चुराते हैं । नफ़रत हैं तो कह देते हमसे , यूँ गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं ।" #सर-ए-महफ़िल = सभा , at a party #महफ़िल_शायरी #महफ़िल_ए_ज़िन्दगी #कोराकाग़ज़ #suchitapandey #सुचिता #उर्दू_अल्फ़ाज़ "देख के हमको वो सर झुकाते हैं , बुलाकर 'सर-ए-महफ़िल' में नज़रे चुराते हैं। नफ़रत हैं तो कह देते हमसे , यूँ गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं ।" #सुचितापाण्डेय