Sorry Nojoto माफी मांगने की आवश्कता नहीं है वैसे तो, क्योंकि मुझे भाई से मांगना नहीं पड़ता है, में अगर वृक्ष हूं तो वो मेरी जड़ता है, साथ है रहता हर वक्त उनका अहसास है, उनके ही प्रताप से ये परिंदा उड़ता है, गिरता भी हूं में कई बार इस जग में, बस ठीक उसी वक्त उनका हाथ मुझे जकड़ता है, ताकत है वो मेरे शरीर के हर हिस्से की, खड़े हों साथ तो भला हमसे कोन अड़ता है, एक ही आत्मा के दो शरीर हैं हम, अब भला अपनी ही आत्मा से कहां कुछ मांगना पड़ता है। माफी भी नहीं वो माफ कर देते हैं, बड़े हैं ना वो सब समझ लेते हैं। Love you Dada ©Kumar Mahendra No Sorry Required Between two Brothers #brothersday