हर नौकरी पेशा आदमी की यही कहानी है कि उसकी सामाजिक जिंदगी लगभग खत्म हो चुकी है...सुनिए क्या है उसके हालात👇
मै यूँ जी रहा हूँ भी तो जैसे हो कोई ये भी काम
ना दिन ना रात ना ही सुबह और शाम,
चैनो सुकून है कहाँ गुम ....
इस बात से दिल मेरा है ये हैरान,
क्या क्या है करने को और क्या कर रहा हूँ
अब हर वक्त बस शायद मैं इक इंसानी-मशीन बन रहा हूँ, #Shades#कविता#अनभिज्ञ_कवि#anbhigya_kavi#empty_inkwell#the_rhyming_ink