तेरी परछाई से ही मुलाकात हो जाए तभी तो उस जगह पर जा कर आज भी बैठ जाता हूं के इन हवाओं में इन बादलों में इन फिजाओं में कहीं से ही तू आ जाए ©Gian munkan wala तू आ जाए