डूब रहा है सूरज मेरे शहर का.... सांझ का झुटपुटा है दिन लुट सा चुका है, डूब रहा ही सूरज मेरे शहर का ... थका हुआ उदास सा सांझ का नारंगी आंचल, धीरे धीरे समेट रहा मेरे शहर का सूरज..