तुम मरहम तो बनो मैं हजारों दर्द खरीद लुंगा तुम अंधेरा तो बनो मैं उजालों को अलविदा कह दूंगा । तुम मौत बनो तो ज़िन्दगी से नफ़रत हो जाएगी तुम गम बनो तो खुशियों से बगावत हो जाएगी । गर तुम ख्वाब बने तो हकीकत में जीना छोड़ दूंगा जो बने तुम आसमा तो जमीं पे रहना छोड़ दूंगा । खौफ़ बन जाओ तो सुकुन की कभी चाह न होगी घुटन बन जाओ तो हवाओ की जरुरत न होगी। अंगारे बनो तो फिर बरसात नहीं चाहिए ज़हर बनो तो पानी की प्यास नहीं चाहिए। गैरत बनो तो खुद्दारी से क्या वास्ता सफ़र में रूकावट बनो तो नहीं चाहिए मंजिल का रास्ता । अगर तुम कैद बने तो रिहाई का क्या करेंगे बन गए जो ज़ालिम तुम तो खुदाई का क्या करेंगे। बेवफ़ा बने तो भी मंजूर है क्या रह सकता कभी चाँद चाँदनी से दूर है। तुम मर्ज़ बनो तो इलाज की ख्वाईश न होगी तुम कर्ज़ तो चुकाने की हिम्मत न होगी । समंदर बनो मैं तो डूबने को तैयार हूँ तुम मिटाओ तो सही मैं मिटने को तैयार हूँ। तुम बेहोशी मे रहो तो मैं भी होश में आना नहीं चाहूंगा तुम जहन्नुम में रहो तो मैं जन्नत जाना नहीं चाहूंगा । जो हुए दुश्मन तुम्हारे दोस्त तो उनको भी करीब रखुंगा तुम मरहम तो बनो मैं हजारों दर्द खरीद लूँगा ©999Triple nine #triple999 #MereKhayaal