अच्छाई बुराई साथ चले तो. तो कोई भी रिश्ता. निभता नहीं है. अच्छाई में बुराई बोहोत. नज़र आती है. कभी कभी मन करता है. इस अच्छाई से आज़ाद होने की. इसमें वजन बोहोत है. हर बार की तरह. दिमाग पर मन भारी पड जाता है ©मañjü pãwãr #Nojoto2020NewSayari #manjupawarpoetry #NojotoBoloDilSe Amita Tiwari Saad Ahmad ( سعد احمد )