White पल्लव की डायरी बदइंतजामी के शिकार कुंभ में हादसों के शिकार यात्री होते जा रहे है आस्थाओं की चरम सीमा है भगदड़ में अपने खोते जा रहे है बदनीयत शासन प्रशासन की है हर प्रबन्ध हादसों की भेंट चढ़ते जा रहे है दिल्ली के रेलवे स्टेशन की भगदड़ चूले रेलवे की हिला रही है हाईटेक व्यवस्था के जमाने मे भी मौत के मुँह में सवारी जा रही है जबाबदेही किसकी तय करे सरकारों पर यात्रियों के खून की जबाब देही बढ़ती जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status यात्रियों के खून की जबाब देही बढ़ती जा रही है