1222 1222 1222 1222 मिलाकर हाथ वो मुझ से, मिरे नज़दीक आती है मुझे बाहों में भरकर वो, मिरी नींदें उड़ाती है है कोई बात कहने को, मगर कहती नहीं मुझ से कि आँखों में हज़ारों ग़म, वो शिद्दत से छुपाती है क़फ़स में क़ैद है वो, इक सदी से है यहाँ तन्हा मचलती है वो उड़ने को, मिरे ख्वाबों में आती है कोई मेरे से पूछे, दिल में क्या-क्या है छुपा रक्खा तिरी ग़ाफ़िल निगाहें, राज़ ये मुझको बताती हैं कि आती है मिरे ख़्वाबों में वो यकसर कभी ऐसे कि वो आग़ोश में भरकर मुझे अपना बनाती है पता है ये मुझे, कोई 'सफ़र' कटता नहीं तन्हा कि तन्हा वो मुझे करके, मिरा दिल तोड़ जाती है #shayari #gazal #yqbaba #yqdidi #love #philosophy #सफ़र_ए_प्रेरित Hayaat Usman Priya Omar Rashma Bhanot