हम उसकी मर्जी के मुताबिक, एक काम और कर गए शायरी पसन्द थी उसे, सो हम शायर ही हो गए। और हमारी बेरुखी की, ज़रा भी क़दर न थी उसे... उसे तो पता भी नही चला कि हम कितनी बार उससे रूठे,और फिर उसी के हो गए। Anjali Kumari