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मैं तुम्हें जनता नहीं तुम्हारी बात पंसंद आ गई है

मैं तुम्हें जनता नहीं तुम्हारी बात पंसंद आ गई है
 जो होनी भी नहीं थी वो मुलाकत पसंद आ गई है
 बहुत बुरा हूं मैं हर किसी को यही कहता हूं।
 ये मैं नहीं जमने की ये ख्यालत पंसंद आ गई है
  बंजार जमी पे ये बरसात पंसंद आ गई है
 बहती हवा में जुल्फो की ये हलत पसंद आ गई है
 तू भी वही आ मिला जहां मैं बैठा रहा, गलतियों से ही सही पर ये इतफाक पसंद आ गई है।  और फिर भी
 मैं तुम्हें जनता नहीं तुम्हारी बात पसंद आ गई है

©Subhanjali Singh all done #happilyalone

#Galaxy
मैं तुम्हें जनता नहीं तुम्हारी बात पंसंद आ गई है
 जो होनी भी नहीं थी वो मुलाकत पसंद आ गई है
 बहुत बुरा हूं मैं हर किसी को यही कहता हूं।
 ये मैं नहीं जमने की ये ख्यालत पंसंद आ गई है
  बंजार जमी पे ये बरसात पंसंद आ गई है
 बहती हवा में जुल्फो की ये हलत पसंद आ गई है
 तू भी वही आ मिला जहां मैं बैठा रहा, गलतियों से ही सही पर ये इतफाक पसंद आ गई है।  और फिर भी
 मैं तुम्हें जनता नहीं तुम्हारी बात पसंद आ गई है

©Subhanjali Singh all done #happilyalone

#Galaxy