खाकी से आपको है ,अपेक्षा कृतज्ञता ,क्यों नहीं ? जुलूस हो,जलसा हो ; हो बाढ़ या त्रासदी सर्वत्र मौजूद रहती है जो , उसका कोई वजूद ,क्यों नहीं ? खाकी से आपको है अपेक्षा कृतज्ञता , क्यों नहीं ? माना कर्तव्य है, इसका, निभाती है अभिमान इसका सब कुछ तो कर लेती फिर समानता ,क्यों नहीं ? खाकी से आपको है अपेक्षा कृतज्ञता क्यों नहीं ? हाथ पैर सब बांध दिए ; कानून के कच्चे धागों से सबने चुप्पी साध ली इस पर आप भी चुप हो अब बोलते ,क्यों नहीं ? खाकी से आपको है ,अपेक्षा कृतज्ञता ,क्यों नहीं ? खाकी का दर्द