कुछ थे election कुछ अपना मनमुटाव था sunday करके बैठ गये छुटटी शोक चढा cricket बैठ गए दोस्तो संग महफिल जमा ना देखी रात और ना दिखा लोगो का सोना बस जीताना था मुबई का सिक्का और जब हुआ धमाल तो हम लोगो ने भी कर दिया कमाल रातो रात जुट गए जश्न मनाने और सुबह उठे तो ना चाहते हुए भी जुकाम लग गया chhupi pahchaan zindgi ki guddi