Nojoto: Largest Storytelling Platform

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है जिसे चाहो वही अप

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है

©Kumar Vinod
  टूटकर बिखरता है इस कदर

टूटकर बिखरता है इस कदर #Shayari

117 Views