Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अपना कहकर। आवाज़ लगाई। कहां चले। छाले पैरों पर। इन रास्तों पर। देखती रही। जहां अपना कहकर। पुकारा था। पर तुम नहीं थे। बस कोहरे से। घूमती। शीशम के पेड़ पर। गुदा वो नाम हमारा। कई कहानियां बयान कर रहा था। अपना कहकर जो पुकारा था। वो पेड़ वहीं था।वो यादें वहीं थी। बस तुम तुम नहीं थे।मुलाकाते वहीं थी। बस तुम तुम नहीं थी। अपना कहकर तुमने मुझको मुझसे छीन लिया। #अपनाकहकर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अपना कहकर।