ये कौन राह में बैठे है मुस्कुराते हैं.. मुसाफ़िरों को ग़लत रास्ता बताते हैं। तेरे लगाये हुए ज़ख़्म क्यों नहीं भरते.. मेरे लगाये हुए पेड़ सुख जाते हैं ॥॥ ग़लत रास्ता बताते हैं ॥