माना कि दिए बहुत इल्ज़ामात इन दूरियों पर महफ़िल नशीनों के, गर पढ़ा होता कभी चहरा हमारा भी तो बजह खुद ही जान जाते। #eljamat #duriyan #mahfil #face #reading #wajah #self #understand