समुन्दर से गहराई का अंदाजा नहीं होता हमें अपने ही दुश्मनों पता नहीं होता चलते नहीं है हम सिर उठाकर क्योकि दुश्मनो की तलवार का ठिकाना नहीं होता Anuj sen समुन्दर से गहराई का अंदाजा नहीं होता