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साल दर साल बीत रहा है ,तेज़ी से और उतनी ही तेज़ी से

साल दर साल बीत रहा है ,तेज़ी से 
और उतनी ही तेज़ी से तुम 
मेरे दिल में अपनी जगह घेरे जा रही हो 
ठीक वैसे ही जैसे कोई महाजन 
अपने कर्जदार का घर कब्ज़ा कर लेता है,
सूद  न चुका पाने के बदले में ।

- चिठ्ठी इश्कनामा
साल दर साल बीत रहा है ,तेज़ी से 
और उतनी ही तेज़ी से तुम 
मेरे दिल में अपनी जगह घेरे जा रही हो 
ठीक वैसे ही जैसे कोई महाजन 
अपने कर्जदार का घर कब्ज़ा कर लेता है,
सूद  न चुका पाने के बदले में ।

- चिठ्ठी इश्कनामा