यह हमारा रूप और हमारा यौवन समय आने पर सब दे देंगे,जवाब गुरुर किस बात का करते हो प्यारे वक्त आने पर सबके होंगे बंटवारे पर जो सरल और सहज है,जनाब वो यहाँ सूख भी जाये भले,गुलाब अच्छे कर्मों से बनते वो,आफताब बड़ा वो नही,खजूर जैसे ऊँचा है बल्कि वो फल देता है,लाजवाब धन का कितना ऊंचा करो,पहाड़ वक्त आने पर,छीन लेंगे रिश्तेदार यह दुनिया है,बड़ी ही खराब परिवर्तन ही संसार का नियम है जो कुछ आज तेरा यह धन है कल वो दूसरों का होगा,सब है आदमी भाग रहा उसके पीछे, जिसके ऊपर नही कोई छत है इस दुनिया मे सबकुछ नश्वर है एकमात्र बालाजी पूर्ण ईश्वर है जो करते भक्ति,मिलती शक्ति बालाजी देते मनवांछित वर है क्यों चुने फिर कंकर,पत्थर? जब पास में हीरे ट्रक भर है समय रहते साखी,सुधर जा, वृद्ध होने पर नही हो पायेगी, बालाजी की भक्ति जी भर है जाने का जब होगा तेरा प्रहर है साथ होगा,उनका नाम स्वर है बाकी हर रिश्ता,यहां नश्वर है एकमात्र बालाजी पूर्ण ईश्वर है दिल से विजय ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" सब नश्वर #fourlinepoetry