हर फूल का दिल छलनी है आज क्या? खुशबू से लोगों की साँस महकती नहीं? सच्चाई की राह में है जो दर्द-ए-ज़िन्दगी से गुज़र रहें,क्या इंसानियत बची नहीं?— % & हर फूल का दिल छलनी है आज, क्या? खुशबु से लोगों की साँस महकती नहीं? सच्चाई की राह में है जो दर्द-ए-ज़िन्दगी से गूजर रहें,क्या इंसानियत बची नहीं? Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍