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तुमने तो कहा था ना कि ज़ब पाओ ख़ुद को अकेली, ज़ब करोग

तुमने तो कहा था ना कि ज़ब पाओ ख़ुद को अकेली,
ज़ब करोगी ख़ुद को हार हुआ महसूस
ज़ब थक जाओ हर तरफ से,
ज़ब हो महसूस अब और नहीं चला जाता,
तो आना मेरे पास मैं हूँ खड़ा तुम्हारे लिए
तुमको सामने बैठकर नरमी से बोलूंगा
थक गई हो मेरे कंधे पर सर रखकर बस भूल जाओ सब कुछ
तुम आना मेरे पास यूँ बेझिझक होके मैं मिटा दूंगा तुम्हारे माथे कि सिकन को तो क्या हुआ अब तेरी उन बातों का?
तेरे लहजे मैं मेरे लिए बाकी रह गई तो बस बेरुखी
तुझे याद नहीं तेरे कही बातें वो वादे
या समझू कि जिस भीड़ से थक कर तेरी पास आई
तू भी अब मेरे लिए इक मात्र उस भीड़ का हिस्सा हो गया।
       
              तो कहाँ गये?वो सारे वादे, दिलासे जो दिये
             थे कभी तूने मुझे।

©nikita kothari #tumnekahatha
तुमने तो कहा था ना कि ज़ब पाओ ख़ुद को अकेली,
ज़ब करोगी ख़ुद को हार हुआ महसूस
ज़ब थक जाओ हर तरफ से,
ज़ब हो महसूस अब और नहीं चला जाता,
तो आना मेरे पास मैं हूँ खड़ा तुम्हारे लिए
तुमको सामने बैठकर नरमी से बोलूंगा
थक गई हो मेरे कंधे पर सर रखकर बस भूल जाओ सब कुछ
तुम आना मेरे पास यूँ बेझिझक होके मैं मिटा दूंगा तुम्हारे माथे कि सिकन को तो क्या हुआ अब तेरी उन बातों का?
तेरे लहजे मैं मेरे लिए बाकी रह गई तो बस बेरुखी
तुझे याद नहीं तेरे कही बातें वो वादे
या समझू कि जिस भीड़ से थक कर तेरी पास आई
तू भी अब मेरे लिए इक मात्र उस भीड़ का हिस्सा हो गया।
       
              तो कहाँ गये?वो सारे वादे, दिलासे जो दिये
             थे कभी तूने मुझे।

©nikita kothari #tumnekahatha