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देश पर मुश्किल आन पड़ी,हमारा अन्नदाता बेहाल है, सर

देश पर मुश्किल आन पड़ी,हमारा अन्नदाता बेहाल है,
सर्द मौसम में ढूंढ रहा कैसी सियासी चाल है,
भोले-भाले किसान राजनीतिक दांव पेंच से अनजान है,
अभी तक सुनवाई नहीं हो रही उनकी, यह भी कमाल हैं। शब्दाक्षर your quote प्रतियोगिता : 1
विषय : देश 
 विधा : मुक्तक (एक मुक्तक लिखिये)
प्रतियोगिता दिनांक : 27.12.2020 (रविवार)
समय सीमा :   31.12.2020 (09:30 PM)
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मुक्तक एक मात्रिक छंद है जिसमें चारों चरणों में मात्रा भार समान होना चाहिए। प्रथम, द्वितीय व चतुर्थ चरणान्त सम तुकांत होते है एवं तृतीय चरण भिन्न होता है। अंतिम दो चरण मुक्तक की मूल भावना को व्यक्त करते हैं।
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देश पर मुश्किल आन पड़ी,हमारा अन्नदाता बेहाल है,
सर्द मौसम में ढूंढ रहा कैसी सियासी चाल है,
भोले-भाले किसान राजनीतिक दांव पेंच से अनजान है,
अभी तक सुनवाई नहीं हो रही उनकी, यह भी कमाल हैं। शब्दाक्षर your quote प्रतियोगिता : 1
विषय : देश 
 विधा : मुक्तक (एक मुक्तक लिखिये)
प्रतियोगिता दिनांक : 27.12.2020 (रविवार)
समय सीमा :   31.12.2020 (09:30 PM)
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मुक्तक एक मात्रिक छंद है जिसमें चारों चरणों में मात्रा भार समान होना चाहिए। प्रथम, द्वितीय व चतुर्थ चरणान्त सम तुकांत होते है एवं तृतीय चरण भिन्न होता है। अंतिम दो चरण मुक्तक की मूल भावना को व्यक्त करते हैं।
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mrsrosysumbriade8729

Writer1

New Creator

शब्दाक्षर your quote प्रतियोगिता : 1 विषय : देश विधा : मुक्तक (एक मुक्तक लिखिये) प्रतियोगिता दिनांक : 27.12.2020 (रविवार) समय सीमा : 31.12.2020 (09:30 PM) ---------------------------------------------------------- मुक्तक एक मात्रिक छंद है जिसमें चारों चरणों में मात्रा भार समान होना चाहिए। प्रथम, द्वितीय व चतुर्थ चरणान्त सम तुकांत होते है एवं तृतीय चरण भिन्न होता है। अंतिम दो चरण मुक्तक की मूल भावना को व्यक्त करते हैं। ---------------------------------------------------------- YourQuoteAnd #YourQuoteAndMine