मेरी कलम की रगों में एक शक़्स बसा है ज़हनी नज़रों में जैसे वो शक़्स छुपा है मेरी क़िताब भी जैसे दीवानी उसी की हर एक पन्ने को जैसे ये राज़ पता है यूँ तो अरसा हो गया है बिछड़े उस से लेकिन हर-लम्हा जैसे वो साथ चला है अब लिखूँ भी तो क्या ही बारे में उसके मेरी तो हर ग़ज़लों में जैसे वो ही बसा हैं — Kumar✍️ ©The Unstoppable thoughts #loversday #Nojoto #nojoto❤ #nojotourdu #nojotohindi #nojotowriters #nojotopoetry #nojotogazal