जब "हक" ही आपको एक बोझ लगने लगे बेटा बहू के समक्ष ज्यादा कमजोर लगने लगे सुबह -शाम "चाय" मिलने में देर लगने लगे बातों - बातों पर "बंदिशों" का ढ़ेर लगने लगे 'संतानों' को आप 'गठरी' सा बोझ लगने लगे तब समझो बहू नहीं 'लहू' तुझे धोखा देने लगे ©Anushi Ka Pitara #वृद्ध #वृद्धावस्था