तुझे ईश्वर मानू या ना मानू खुदा, इबादत मानू या मानू तुझे प्रार्थना, मेरी जिंदगी तो तुमसे है, क्योंकि हर ख़ुशी तुमसे है। जिंदगी में खुशियाँ क्या है, वह तेरी दस्तक से जाना मैंने, प्रार्थना की आस्था क्या है, वह तेरी इबादत से जाना मैंने। तुमसे मिलकर जाना हमने के, जिंदगी का फ़लसफ़ा क्या है, तुम्हें पा कर लगा जैसे, मिल गई हमें जीते जी जन्नत। ना मांगी कभी मैंने मेरे रब से मेरी खुशी, लेकिन रब ने दे दी तेरे रूप में खुशियाँ जिंदगी भर की, शुक्रिया अदा करूं में रब का के, जिसने तुझे भेजा मेरे लिए, या फिर शुक्रिया अदा करूं में तेरा कि, तूने मुझे अपनाया जिंदगी भर के लिए। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-961 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।