*पवित्रा*,
स्वस्ति नाम जब मैंने पढ़ा,
मन में स्वस्ति वाचन स्वत: शुरू हुआ,
थोड़ा सा साहस जुटा, के कुछ पूछा,
थोड़ा सा लेखनी का लिखा कुछ पढ़ा,
सब सोच कर तब *पवित्रा* नाम दिया।।
मेरी आदत है, अच्छी बुरी जैसी भी हैं उन सबको एक नाम देने की जैसा गुण
मुझे जिसमे नज़र आता है, भाग्य वश में सिर्फ गुणों को ही देखता हूं किसी में। #yqdidi#yqquotes#yqtestimonial#yqkulbhushandeep