कर रहमत ख़ुदा इस जहां में मेरा हुनर रहे सलामत। न जिस्म रहे,न जान रहे,रहे तो बस मेरी रूह की अलामत।। अलामत-पहचान आदित्य कुमार भारती #identification #पहचान