मेरा वक़्त मेरा ही है बस हर वक़्त नहीं, कुछ पहर काम के लिए कुछ आंखों के आराम के लिए, कुछ पहर अपनों के लिए कुछ अपने सपनों के लिए, पर जब एकाद पहर सिर्फ अपने नाम लिख दूं, तब मेरा वक़्त कुछ ज़्यादा ही मेरा हो जाता है, या फिर कहूं उस वक़्त मैं अपने वक़्त का हो जाता हूं, बात तो दोनों एक ही है बस बात इतनी सी है की ये बात वक़्त वक़्त की है। ⏳⏳ #waqt #time #metime #ownyourtime #timemanagement #life #hindipoems #grishmapoems