चांँद और चांँदनी (कविता) पूनम के चांँद से भी प्यारा एक चांँद है, जो हरदम ही मेरे पास है। पूनम का चांँद दुनियां के लिए है पर, मेरा चांँद मेरे लिए खास है। चांँद करता है दुनियांँ को रोशन, मेरा चांँद मेरे जीवन की रोशनी है। पूनम का चांँद दिखता कभी-कभी, मेरा चांँद हरदम मेरे सामने है। चांँद कभी ईद, कभी पूनम, कभी करवा चौथ का बन जाता हैं मेरा चांँद बस मेरा ही है और मेरे ही दिल को धड़काता रहता है। पूनम का चांँद किसी को शीतलता, किसी को व्याकुलता देता है। मेरा चांँद हमेशा मेरे करीब, मेरे दिल को ठंडक पहुंँचाता रहता है। मेरा चांँद कभी आफताब तो, कभी मेरे लिए माहताब बन जाता है। पूनम के चांँद के नखरे हजार मेरा चांँद सीधा साधा और मेरा प्यार है। मेरा चांँद जब सजता है, पूनम का चांँद भी फीका लगने लगता है। ओढ़ता है जब सितारों की चुनरियाँ और भी खूबसूरत लगने लगता है। खुदा सलामत रखे सदा हमें, हमारे प्यारे चाँद को हर बुरी नजर से हरदम। चांँद और चांँदनी जैसा है साथ हमारा,यूंँ ही हर जन्म तुम बनो मेरे सनम। #चांँदऔरचांँदनी #कोराकागज #collabwithकोराकागज #KKPC18 #विशेष प्रतियोगिता