मेरे दिल में उनकी यादो का, बसर शायद आज भी हैं! बेइंतेहा चाहने के बाद भी थोड़ी, कसर शायद आज भी हैं! चुरा लेते हैं अक्सर वो मुझे देखकर अपनी नजरे मगर, उनपर मेरी मोहब्बत का, असर शायद आज भी हैं... #आज_भी..